बचपन में हर शनिवार हमारे घर हैदराबाद में महफिल सजती थी। इसमें शायर, हास्य कवि और सिंगर शामिल होते थे। उस दौरान मेरे कानों में वह सुर पड़े, गजल की आवाज सुनी। उस समय मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि यह मेरा प्रोफेशन बन जाएगा। यह कहना है मशहूर गायक तलत अजीज का। अपने गायन से श्रोताओं के दिलों में एक खास जगह बनाने वाले तलत ने एफएम तड़का के आरजे जय के साथ अपने संगीत कॅरियर के बारे में खास बातचीत की।
गजल में हमेशा ताजा रहेगी
गजल तब और गजल अब पर बात करते हुए उन्होंने कहा गजल गजल है। आप असली गजल गा रहे हैं तो वह वही रही थी। इसकी गायकी में कोई अंतर नहीं आएगा। जब तक गजल सुनने वाले हैं जब तक वह ताजा रहेंगे। इसमें क्लासिक का निचोड़ और पूरा जोश है। गजल अपने आप में 8 फ्रॉम है। इसमें संगीत के सुर मिला गए और इसमें शेरो शायरी भी जोड़ दें तो यह बहुत ही खूबसूरत बन जाती है। अच्छी गायकी हो जाए इससे बढ़कर क्या हो सकता है।
ऑनलाइन सिखा रहे गायकी
हाल ही संगीत सफर के चार दशक पूरे करने वाले तलत ने कहा कि मैं अभी भी काम कर रहा हूं। मैं ऑनलाइन गजल सिखा रहा हूं। इसमें 12 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के सीनियर तक शामिल है। फेसबुक के जरिए मेरे पास बहुत सारे लोगों की रिक्वेस्ट आती है। आज भी ऐसे कई लोग हैं जो गजल सीखना चाहते हैं। मैं गजल के जरिए गायकी सिखा रहा हूं। इसको आप एक मेरा मिशन या मुहिम समझ सकते हैं। गुरुओं ने जो हमें सिखाया मैं अपनी सोसाइटी को वापस सिखा रहा हूं। जो सीख रहे हैं उनमें कहीं सिंगर भी हैं तो कुछ नए हैं जो बारीकी सुरों पर डगमग आते हैं। मैंने कुछ म्यूजिक ट्रैक तैयार किए हैं जो जल्द ही एक कंपनी के माध्यम से आपके सामने यूट्यूब पर पेश होंगे।
एक बड़े प्लेटफार्म पर करेंगे परफॉर्म
एफएम तड़का पूरे देश में एक सूरमा इवेंट चला रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि जिन कलाकारों को कभी मौका नहीं मिला। जो खुद का गाना बनाते हैं उनका गाना को सुनने वाला नहीं होता। उनके गानों को रेडियो पर बजाया जाता है। इस पहल की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा यह बहुत ही बढ़िया है। आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो। इसके तहत यंगस्टर को चांस मिलता है। यदि आप काबिल है तो आप एक दिन बड़े प्लेटफार्म पर परफॉर्म करेंगे।